*राजपूत*
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान ने "राजपूतो" के घर पैदा ,
इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है..!!!_________________________________________
*राजपूत की तलवार**
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान ने "राजपूतो" के घर पैदा ,
इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है..!!!_________________________________________
*राजपूत की तलवार**
जब तक माथे पर लाल रंग नहीं लगता ,
तब तक "राजपूत" किसी को तंग नहीं करता..!!
सर चढ़ जाती है ये दुनिया भूल जाती है,
के "राजपूत" की तलवार को कभी जंग नहीं लगता..!!!*_________________________________________
*असली राजपूत*
तब तक "राजपूत" किसी को तंग नहीं करता..!!
सर चढ़ जाती है ये दुनिया भूल जाती है,
के "राजपूत" की तलवार को कभी जंग नहीं लगता..!!!*_________________________________________
*असली राजपूत*
अन्य के लिए जो रक्त बहाये
मातृभूमि का जो देशभक्त कहलाये
गर्जन से शत्रु का तख़्त हिलाये
असुरो से पृथ्वी को विरक्त कराये
वही असली राजपूत कहलाये.!!_________________________________________
*कतरा कतरा*
मातृभूमि का जो देशभक्त कहलाये
गर्जन से शत्रु का तख़्त हिलाये
असुरो से पृथ्वी को विरक्त कराये
वही असली राजपूत कहलाये.!!_________________________________________
*कतरा कतरा*
कतरा कतरा चाहे बह जाये लहू बदन का,
कर्ज उतर दूंगा ये वादा आज मैं कर आया !!
हँसते - हँसते खेल जाऊंगा प्राण रणभूमि में,
ये केसरिया वस्त्र मैं आज धारण कर आया !! _________________________________________
*महाराणा का भाला*
कर्ज उतर दूंगा ये वादा आज मैं कर आया !!
हँसते - हँसते खेल जाऊंगा प्राण रणभूमि में,
ये केसरिया वस्त्र मैं आज धारण कर आया !! _________________________________________
*महाराणा का भाला*
कोई पूछे कितना था राणा का भाला
तो कहना कि अकबर के जितना था भाला
जो पूछे कोई कैसे उठता था भाला
बता देना हाथों में ज्यों नाचे माला
चलाता था राणा जब रण में ये भाला
उठा देता पांवों को मुग़लों के भाला
जो पूछे कभी क्यों न अकबर लड़ा तो
बता देना कारण था राणा का भाला _________________________________________
तो कहना कि अकबर के जितना था भाला
जो पूछे कोई कैसे उठता था भाला
बता देना हाथों में ज्यों नाचे माला
चलाता था राणा जब रण में ये भाला
उठा देता पांवों को मुग़लों के भाला
जो पूछे कभी क्यों न अकबर लड़ा तो
बता देना कारण था राणा का भाला _________________________________________
*राजपूत की समाधी*
"दो दो मेला नित भरे, पूजे दो दो थोर
सर कटियो जिण थोर पर, धड जुझ्यो जिण थोर " मतलब
एक राजपूत की समाधी पे दो दो जगह मेले लगते है, पहला जहाँ उसका सर कटा था और दूसरा जहाँ उसका धड लड़ते हुए गिरा था._________________________________________
*राजपूत*
सर कटियो जिण थोर पर, धड जुझ्यो जिण थोर " मतलब
एक राजपूत की समाधी पे दो दो जगह मेले लगते है, पहला जहाँ उसका सर कटा था और दूसरा जहाँ उसका धड लड़ते हुए गिरा था._________________________________________
*राजपूत*
जंग खाई तलवार से युद्ध नही लड़े जाते,
लंगडे घोड़े पे दाव नही लगाये जाते,
वीर तो लाखों होते है पर सभी महाराणा प्रताप नही होते ,
पूत तो होते है धरती पे सभी... पर सभी “राजपूत” नही होते..!!_________________________________________
*राजपूत*
लंगडे घोड़े पे दाव नही लगाये जाते,
वीर तो लाखों होते है पर सभी महाराणा प्रताप नही होते ,
पूत तो होते है धरती पे सभी... पर सभी “राजपूत” नही होते..!!_________________________________________
*राजपूत*
ज़ुल्म की पहचान मिटा के रख दें राजपूत,
चाहे तो कोहराम मचा के रख दें राजपूत ,
अभी सूखे पत्तो की तरह बिखरे है हम राजपूत,
अगर हो जाये एक तो दुनिया हिला के रख दें राजपूत..!!!_________________________________________
*राजपूत*
चाहे तो कोहराम मचा के रख दें राजपूत ,
अभी सूखे पत्तो की तरह बिखरे है हम राजपूत,
अगर हो जाये एक तो दुनिया हिला के रख दें राजपूत..!!!_________________________________________
*राजपूत*
सिंह जणे क्षत्राणी , जणे एक सपूत ,
जे उतारे कर्ज दूध रो अर बढावे मान , बाजे राजपूत !!_________________________________________
*राजपूत की तलवार*
जे उतारे कर्ज दूध रो अर बढावे मान , बाजे राजपूत !!_________________________________________
*राजपूत की तलवार*
राजपूत की आन-बाण-शान का प्रतीक है तलवार,
जीने का नया ढंग नया अंदाज सिखाती है ये तलवार,
सुंदर सजी हुई शानदार म्यान के अंदर रहकर भी,
वीरों के संग अर्धांगिनी सी विराजती है तलवार_________________________________________
*रियासत*
जीने का नया ढंग नया अंदाज सिखाती है ये तलवार,
सुंदर सजी हुई शानदार म्यान के अंदर रहकर भी,
वीरों के संग अर्धांगिनी सी विराजती है तलवार_________________________________________
*रियासत*
यूँ ही नहीं मिलती किसी को रियासत यहाँ ,
ये तो हुनर की है बात जो हमारे खूनमें मौजूद है.!!_________________________________________
ये तो हुनर की है बात जो हमारे खूनमें मौजूद है.!!_________________________________________
*इतिहास*
प्यासी तलवारों को योद्धा रक्त पिलाने बैठे हैं ,
मेरे राजपूत शेर शिकार करने के लिए बैठे हैं !
दुखों का पहाड़ झुकाने सूरमा आज गंभीर बैठे हैं ,
मेरे वीर राजपूत इतिहास लिखने के लिए बैठे हैं !_________________________________________
मेरे राजपूत शेर शिकार करने के लिए बैठे हैं !
दुखों का पहाड़ झुकाने सूरमा आज गंभीर बैठे हैं ,
मेरे वीर राजपूत इतिहास लिखने के लिए बैठे हैं !_________________________________________
*‘क्षत्रिय ’*
मर सकता हूँ मगर झुकना नहीं है मंज़ूर मुझे,
हाँ मैं ‘क्षत्रिय ’ हूँ, इस बात का है ग़ुरूर मुझे,
दंभ है पश्चिम तुझे, चुटकी में तोड़ देंगे हम,
हुंकार भर जो उठ गए, घमंड तेरा चूर है,
सांसों में मेरी संस्कृति है, वेद बहते ख़ून में,
पुराण-शास्त्र-उपनिषद, चेहरे का मेरे नूर है,_________________________________________
हाँ मैं ‘क्षत्रिय ’ हूँ, इस बात का है ग़ुरूर मुझे,
दंभ है पश्चिम तुझे, चुटकी में तोड़ देंगे हम,
हुंकार भर जो उठ गए, घमंड तेरा चूर है,
सांसों में मेरी संस्कृति है, वेद बहते ख़ून में,
पुराण-शास्त्र-उपनिषद, चेहरे का मेरे नूर है,_________________________________________
*शत्रु*
जो शत्रु की छाती चीरे धार अभी वो बाकि है,
सर काटे जो शत्रु का, तलवार अभी वो बाकि है,
कायरता न समझे गीदड़, हम शेरों की ख़ामोशी को,
जो पंजे से शत्रु के पेट को चीरे बघनख अभी वो बाकि है.!!!!
सर काटे जो शत्रु का, तलवार अभी वो बाकि है,
कायरता न समझे गीदड़, हम शेरों की ख़ामोशी को,
जो पंजे से शत्रु के पेट को चीरे बघनख अभी वो बाकि है.!!!!
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🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻