हूँ रण लड्यो हूँ अडिग खड्यो, लोगां री लाज बचावण न।
मानस र खातर हाजिर रहतो, मौत सूं आँख मिलावण न।।
मानस र खातर हाजिर रहतो, मौत सूं आँख मिलावण न।।
लोग काह्व ठुकराई करतो, हूँ सोतो नागां रा बाड़ा म।
कुटम्ब कबीलो खोयो सारो, रण खून टपकतो नाड़ा म।।
कुटम्ब कबीलो खोयो सारो, रण खून टपकतो नाड़ा म।।
तलवारों रो वार झेलतो, थारा ही घर बसावण न।
चौसठ फोर मौत नाचती, मौत री सजा सुणावण न।।
चौसठ फोर मौत नाचती, मौत री सजा सुणावण न।।
कुण सामन्ती कयाँ रा ठाकर, म्हे तो चौकीदार रह्या।
खुद न छोटा बता हमेशा, थे गढ़ रा गदार रह्या।।
खुद न छोटा बता हमेशा, थे गढ़ रा गदार रह्या।।
सौ सौ घावां धड़ झेल्या, पूत सागेड़ा रण मेल्या।
थारा घर रा दिवला ताणी, म्हे तो रातां रण खेल्या।।
थारा घर रा दिवला ताणी, म्हे तो रातां रण खेल्या।।
छोड्या पूत पालण सोता, छोड़्या म्हे दरबारां न।
रोती छोड़ मरवण न म्हे तो, धारी ही तरवारां न।।
रोती छोड़ मरवण न म्हे तो, धारी ही तरवारां न।।
कदे भेष में साँगा र तो, कदे मैं पिरथिराज बण्यो।
कदे प्रताप भेक बणा र, मेवाड़ी री कुख जण्यो।।
कदे प्रताप भेक बणा र, मेवाड़ी री कुख जण्यो।।
मैं ही तो बो शेखों जिण न धर्म रो पाठ पढ़ायो हो।
धर्म धरा अर धेनु ताणी, खुद रो शीश चढायो हो।।
धर्म धरा अर धेनु ताणी, खुद रो शीश चढायो हो।।
कियां भूलग्या हठ हाडा रो, क्यों भुल्या बाँ रणधीरां न।
थारी खातर रण मं कटता, कियाँ भुल्या थे बाँ वीरां न।।
थारी खातर रण मं कटता, कियाँ भुल्या थे बाँ वीरां न।।
न ब धर्म जात में बंटता, ना ही कुटम कबिलां में।
पिढ्यां खुद री रण में मेली, राखण खुशियां थारा कबीला मे।।
पिढ्यां खुद री रण में मेली, राखण खुशियां थारा कबीला मे।।
बण राणोजी महल म्हे छोड़्या, थारो मान बचावण न।
फण थे के बाकी छोड़ी, दोख्यां रो साथ निभावण न।।
फण थे के बाकी छोड़ी, दोख्यां रो साथ निभावण न।।
रुगा चुग्गा दे दे पाळया, ब ही फण फैलायो है।
ना जोगा फुँकार है मारी, विष ओ घोळ पिलायो है।।
ना जोगा फुँकार है मारी, विष ओ घोळ पिलायो है।।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻