आज या नयी श्रिस्ति रचूंगा, या इस प्राण का दान दूंगा
आज में युद्ध का शंखनाथ बजाता हूँ!
आज में तलवार उठाता हूँ
ज़िन्दगी जियूँगा तोह अपने उस्सुलो पे
आज माँ चामुंडा की सोगंध खाता हूँ
आज में शंखनाथ बजाता हूँ
आज में तलवार उठाता हूँ
परवाह नहीं आज किसी की,
डर नहीं मृत्युभ का भी
आज नया इतहास रचता हूँ
आज में तलवार उठाता हूँ
सत्य की लड़ाई में आज प्राण निछावर करूँगा
आज अपने पूर्वजो का सर गर्व से फिर ऊँचा करूँगा
आज में तलवार उठाता हूँ
शोर्ये के नए मायने रचूंगा
आज केसरी रंग में खुद को रंगुंगा
आज में अँधेरे का सीना चीर सत्य को रोशन करूँगा
आज में तलवार उठाता हूँ
पर्वत हो चाहे कितना भी ऊँचा
आकाश की छाती चीर आज संहार करूँगा
आज में युद्ध का शंखनाथ बजाता हूँ
आज में तलवार उठाता हूँ
सत्य को आज रोशन करुँग
आज नया इतहास रचूंगा
या गौरव रथ हासिल करूँगा
या हजारो वीरो की गुमनामी में खो जाऊंगा
मगर आज में नहीं जुकुंगा
मृत्युभ या लक्ष्य किसी एक को हसील करूँगा
आज में तलवार उठाता हूँ
अक्शर अचाई का रास्ता गंदिगी से हो कर गुजरता है।
अगर कुछ अच्हा करना है तो गंदिगी को ख़तम करना होगा।।
कुछ करना है अगर तो कीचड़ में खुदना ही होगा।
अगर किसी को न्याय देना है तो आज लड़ना ही होगा।।
अगर अब नहीं आगे बढ़ेंगे तो ज़िन्दगी भर लाइन में लगना ही होगा।
अगर आज कीचड़ साफ नहीं किया तो कल दलदल में फसना ही होगा ।
अगर आज कुछ नहीं किया तो कल रोना ही होगा।।
अगर अब बैठे रह गए तो ज़िन्दगी भर रोना होगा।
अगर आज आंखे नहीं खोली तो ज़िन्दगी भर आंखे बंद रखनी होगी।।
अगर आज कान बंद कर लिए तो ज़िन्दगी भर शोर सहेना होगा।
अगर आज नहीं जागे दोस्तों तो ज़िन्दगी भर सोना पड़ेगा ।।
उठो जागो अन्याय के आगे आज तलवार उठालो।
तोड़ दो आज सारी ज़ंजीरो को, बता दो इन चोरो को।
बता दो इस दुनिया को की हम रणवीर है।
बता दो की हम रंजित है।।
हम आज भी वही ताकत रखते है।
अपनी प्यास पानी से नहीं बल्कि शोनित से बुजाते है।
आज भी हम जब ललकार उठाते है तो शेर भी अपनी दुम दबाते है।।
तोड़ दो सारी ज़ंजीरो को, तोड़ दो इन बंधन को. आज जीत्लो इस दुनिया को।
सिखा दो इस दुनिया को की सिधांत क्या होते है।
आज बता दो की आदर्श क्या है।।
दिखा दो सबको की सब्दो के मोल क्या होते है ।
दिखा दो सबको की राज केसे करते है ।
सिखा दो सबको की जीवन मृत्यु क्या है।
आज बता दो इनको की एक राजपूत क्या है।
आज बता दो इनको की एक राजपूत क्या है।।
आज में युद्ध का शंखनाथ बजाता हूँ!
आज में तलवार उठाता हूँ
ज़िन्दगी जियूँगा तोह अपने उस्सुलो पे
आज माँ चामुंडा की सोगंध खाता हूँ
आज में शंखनाथ बजाता हूँ
आज में तलवार उठाता हूँ
परवाह नहीं आज किसी की,
डर नहीं मृत्युभ का भी
आज नया इतहास रचता हूँ
आज में तलवार उठाता हूँ
सत्य की लड़ाई में आज प्राण निछावर करूँगा
आज अपने पूर्वजो का सर गर्व से फिर ऊँचा करूँगा
आज में तलवार उठाता हूँ
शोर्ये के नए मायने रचूंगा
आज केसरी रंग में खुद को रंगुंगा
आज में अँधेरे का सीना चीर सत्य को रोशन करूँगा
आज में तलवार उठाता हूँ
पर्वत हो चाहे कितना भी ऊँचा
आकाश की छाती चीर आज संहार करूँगा
आज में युद्ध का शंखनाथ बजाता हूँ
आज में तलवार उठाता हूँ
सत्य को आज रोशन करुँग
आज नया इतहास रचूंगा
या गौरव रथ हासिल करूँगा
या हजारो वीरो की गुमनामी में खो जाऊंगा
मगर आज में नहीं जुकुंगा
मृत्युभ या लक्ष्य किसी एक को हसील करूँगा
आज में तलवार उठाता हूँ
अक्शर अचाई का रास्ता गंदिगी से हो कर गुजरता है।
अगर कुछ अच्हा करना है तो गंदिगी को ख़तम करना होगा।।
कुछ करना है अगर तो कीचड़ में खुदना ही होगा।
अगर किसी को न्याय देना है तो आज लड़ना ही होगा।।
अगर अब नहीं आगे बढ़ेंगे तो ज़िन्दगी भर लाइन में लगना ही होगा।
अगर आज कीचड़ साफ नहीं किया तो कल दलदल में फसना ही होगा ।
अगर आज कुछ नहीं किया तो कल रोना ही होगा।।
अगर अब बैठे रह गए तो ज़िन्दगी भर रोना होगा।
अगर आज आंखे नहीं खोली तो ज़िन्दगी भर आंखे बंद रखनी होगी।।
अगर आज कान बंद कर लिए तो ज़िन्दगी भर शोर सहेना होगा।
अगर आज नहीं जागे दोस्तों तो ज़िन्दगी भर सोना पड़ेगा ।।
उठो जागो अन्याय के आगे आज तलवार उठालो।
तोड़ दो आज सारी ज़ंजीरो को, बता दो इन चोरो को।
बता दो इस दुनिया को की हम रणवीर है।
बता दो की हम रंजित है।।
हम आज भी वही ताकत रखते है।
अपनी प्यास पानी से नहीं बल्कि शोनित से बुजाते है।
आज भी हम जब ललकार उठाते है तो शेर भी अपनी दुम दबाते है।।
तोड़ दो सारी ज़ंजीरो को, तोड़ दो इन बंधन को. आज जीत्लो इस दुनिया को।
सिखा दो इस दुनिया को की सिधांत क्या होते है।
आज बता दो की आदर्श क्या है।।
दिखा दो सबको की सब्दो के मोल क्या होते है ।
दिखा दो सबको की राज केसे करते है ।
सिखा दो सबको की जीवन मृत्यु क्या है।
आज बता दो इनको की एक राजपूत क्या है।
आज बता दो इनको की एक राजपूत क्या है।।
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🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻