विवरण | क्षत्रिय हिन्दुओं के चार वर्णों में से दूसरा वर्ण है। इस वर्ण के लोगों का काम देश का शासन और शत्रुओं से उसकी रक्षा करना माना गया है। |
अन्य नाम | क्षत्रिया, क्षत्राणी |
क्षत्रिय का अर्थ | जो दूसरों को क्षत से बचाये |
सामाजिक मान्यता | ब्राह्मण ग्रंथों के अनुसार क्षत्रियों की गणना ब्राहमणों के बाद की जाती थी, परंतु बौद्ध ग्रंथों के अनुसार चार वर्णों में क्षत्रियों को ब्राह्मणों से ऊँचा अर्थात समाज में सर्वोपरि स्थान प्राप्त था। |
साहित्यिक संदर्भ | वैदिक साहित्य में क्षत्रिय का आरम्भिक प्रयोग राज्याधिकारी या दैवी अधिकारी के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है। “क्षतात त्रायते इति क्षत्य अर्थात क्षत आघात से त्राण” देने वाला। |
क्षत्रिय वंश का उद्भव | क्षत्रिय वंश के उद्भव का प्रारम्भिक संकेत पुराणों से मिलने लगता है कि सूर्यवंश और चंद्रवंश ही क्षत्रिय वंश परम्परा के मूल स्त्रोत है। |
क्षत्रिय और राजपूत | क्षत्रिय और राजपूत शब्द को लेकर कुछ विवाद भी की स्थिति है। कुछ लोग दोनों को अलग-अलग मानते हैं। लेकिन अधिकांश इतिहासकार मानते हैं कि राजपूतों का संबंध क्षत्रियों से है। प्रत्येक राजा प्रायः क्षत्रिय हुआ करते थे। अतः राजपूत्र का अर्थ क्षत्रिय से माना गया। |
मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाईयेगा...!! क्योंकि मेरा व्यक्तिव मैं हूँ और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता हैं, जैसा बर्ताव आप मेरे साथ करेंगे, वैसा आप पाएंगे। ब्लॉग पर आने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद !🙏🏻
मंगलवार, 6 दिसंबर 2016
क्षत्रिय
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻