सूर्य चमकता रजपुतो का, घनघोर बदरिया डरती थी !
था शेर गरजता सीमाओ पर, बिजली भी आहे भरती थी !!
है खून वही उन नब्जों मे, फिर क्यो वर्षो से सोते हो !
लूटा है चंद सियारो ने, फिर क्यो इन्हे मौका देते हो !!
अब चीर दो सीना काफिर के, तलवार वही पुरानी है !
रक्षक हो तुम इस भारत के, ललकार रही भवानी है !!
है खून वही उन नब्जों मे, फिर क्यो वर्षो से सोते हो !
लूटा है चंद सियारो ने, फिर क्यो इन्हे मौका देते हो !!
अब चीर दो सीना काफिर के, तलवार वही पुरानी है !
रक्षक हो तुम इस भारत के, ललकार रही भवानी है !!
-गंगासिंह भायल मूठली ।
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🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻