काया तौ माणस तणी,बल भरियो मातंग |
माय गजब रो सुत जणया ,रंग रे दुरगा रंग ||
माय गजब रो सुत जणया ,रंग रे दुरगा रंग ||
इतिहास के पन्ने पलट कर देखा तो एक सच सामने
आया |
इतिहास के हर पन्नों में वीर दुर्गादास राठौङ
समाया ||
पर जिन्हौने भी इतिहास लिखा,उन्हौने इस वीर
की महानता को दबाया |
अपनी कलम को झुठ की स्याही संग सफेद पन्नौं पर
चलाया ||
उपाधि दे दी ईस वीर कौ कलम चलाने वालों ने
स्वामीभक्त की |
पर किमत नहीं दर्शायी दुर्गादास के रक्त की ||
वो रक्त बहा था बाजु से राजपुती आन बान शान के
लिये |
वौ रक्त बहा था वीर का ,अजीत और जौधाणे के
मान के लिये ||
पीठ पर बान्ध कर अजीत को,कोई ओर नहीं
दुर्गादास राठौङ लाया था |
पर ईसमें भी इस वीर की वीरता को,इतिहासकारों
ने दबाया था ||
चाहता तौ किंग मेकर नहीं,किंग बन के राज सुख
भौगता |
किसके बाजु में ईतना दम था जौ दुर्गादास राठौङ
को रोकता ||
जौधाणे की बिसात क्या ,चाहता तौ दिल्ली का
तख्त भी उस वीर का था |
पर बना दिया अजीत कौ राजा ,जिसमें बल एक
जागीर का था ||
कांपता था दुशमन दुर्गा के नाम से ,जिस रण में
दुर्गादास राठौङ लङा ||
मारवाङ में दुर्गा ना हौता तो ये धरा धरती होती
पाकिसतान |
जौ ना हौता दुर्गा वीर तो ,होता सीया,शुन्नी
और मुसलमान ||
इतिहासकारौं ने चंद सिक्कौ में ,इतिहास वीर कौ
बदल दिया |
वीर की वीरता कौ देश निकाला दे,अजित ने
प्रतिफल दिया ||
सामन्तौं की लगाई आग में ,अजित खुद पागल हो
गया |
अजित के छल कपट के कारण , उज्जैन में मारवाड़ का सूरज डूब गया ॥
आया |
इतिहास के हर पन्नों में वीर दुर्गादास राठौङ
समाया ||
पर जिन्हौने भी इतिहास लिखा,उन्हौने इस वीर
की महानता को दबाया |
अपनी कलम को झुठ की स्याही संग सफेद पन्नौं पर
चलाया ||
उपाधि दे दी ईस वीर कौ कलम चलाने वालों ने
स्वामीभक्त की |
पर किमत नहीं दर्शायी दुर्गादास के रक्त की ||
वो रक्त बहा था बाजु से राजपुती आन बान शान के
लिये |
वौ रक्त बहा था वीर का ,अजीत और जौधाणे के
मान के लिये ||
पीठ पर बान्ध कर अजीत को,कोई ओर नहीं
दुर्गादास राठौङ लाया था |
पर ईसमें भी इस वीर की वीरता को,इतिहासकारों
ने दबाया था ||
चाहता तौ किंग मेकर नहीं,किंग बन के राज सुख
भौगता |
किसके बाजु में ईतना दम था जौ दुर्गादास राठौङ
को रोकता ||
जौधाणे की बिसात क्या ,चाहता तौ दिल्ली का
तख्त भी उस वीर का था |
पर बना दिया अजीत कौ राजा ,जिसमें बल एक
जागीर का था ||
कांपता था दुशमन दुर्गा के नाम से ,जिस रण में
दुर्गादास राठौङ लङा ||
मारवाङ में दुर्गा ना हौता तो ये धरा धरती होती
पाकिसतान |
जौ ना हौता दुर्गा वीर तो ,होता सीया,शुन्नी
और मुसलमान ||
इतिहासकारौं ने चंद सिक्कौ में ,इतिहास वीर कौ
बदल दिया |
वीर की वीरता कौ देश निकाला दे,अजित ने
प्रतिफल दिया ||
सामन्तौं की लगाई आग में ,अजित खुद पागल हो
गया |
अजित के छल कपट के कारण , उज्जैन में मारवाड़ का सूरज डूब गया ॥
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🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻