गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018

क्षत्रिय जाती के लिए राजपुत्र या राजन्य शव्द का उपयोग।

क्षत्रिय जाती के लिए राजपुत्र या राजन्य शव्द का उपयोग रामायण और महाभारत काल से होता आया है लेकिन 6वीं शताव्दीे के बाद येे शव्द ज्यादा लोकप्रिय हुआ। सर्वप्रथम सम्राट हर्षवर्धन बैस द्वारा खुद को राजपुत्र कहने का प्रमाण मिलता है। इसका जिक्र जैन ग्रन्थों और हर्ष चरित में है...और इसी कथन को 6ठी शताव्दी में चीन से भारत आये चीनी यात्री ह्युंगसुंग ने इस्तेमाल किया था ...हर्षवर्धन काल के बाद बड़े पैमाने पर क्षत्रिय जाती के लोग और विशेषकर पश्चिमी क्षेत्रो के, राजपुत्र शब्द का इस्तेमाल करने लगे ! देश कई राज्यों और उपराज्यो में बंटा हुआ था जिनमे पूर्व की भांति कई क्षत्रिय वंश और शाखाए शासन कर रही थी जिनमे प्रतिहार, परमार, चालुक्य, गहलोत, तोमर, चौहान, कलचुरी, राष्ट्रकूट, बैस, गहरवार, चंदेल आदि उस समय प्रमुख थे जिनमे राजपुत्र शब्द का प्रयोग करने का चलन लोकप्रिय हो गया था।  इन्होने करीब अगले 500 साल तक भारत की सत्ता में मुख्य भूमिका निभाइ, इसी कारण इस काल को अंग्रेजी इतिहासकारों ने राजपूत काल की संज्ञा दे दी जो अब तक चला आ रहा है।  कुछ तो राजपूत जाती की उत्पत्ति इस समय से मानने लगे जबकि ऐसा नही है। राजपूत अलग जाती नही बल्कि आर्य क्षत्रिय जाती जिसे वैदिक युग में राजन्य कहा जाता था और पौराणिक युग में क्षत्रिय, और जिसके लिए राजपुत्र विशेषण का इस्तेमाल प्राचीन काल से होता रहा है उसी 'राजपुत्र' विशेषण का इस्तेमाल हर्षवर्धन काल के बाद बड़े पैमाने पर लोकप्रिय हुआ। ये वो दौर था जब हर्षवर्धन की मृत्यु के बाद विदेशी आक्रांताओं के हमले सबसे ज्यादा हुए।  ये 500 साल भारत का भविष्य तय करने वाले थे क्योकि अरबों का आक्रमण 700 ईसवी में शुरू हो गया था ! ये वही अरबी थे जिन्होंने मात्र 50 साल में  ( इराक - ईरान - मिस्र-पूरे मध्य एशिया  - का इस्लामीकरण कर दिया था और स्पेन तक जा पहुंचे थे ! लेकिन अगले 500 साल इन क्षत्रिय वँशो ने उनको पनपने नही दिया। इस चारित्रिक विशेषता की वजह से भी इतिहासकारों ने इस काल को प्रमुखता देने के लिए इसे विशेष रूप से राजपूत काल कहा। इसके बाद भी आम बोलचाल में राजपुत्र शब्द का उपयोग कभी कभार क्षत्रिय के समानार्थी के रूप में ही होता रहा और पश्चिमी क्षेत्रो में इसका चलन ज्यादा था, पूर्व में क्षत्रिय का उपयोग ही ज्यादा था लेकिन 1800 ईसवी के बाद राजपूत शव्द का चलन हर जगह होने लगा।

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🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻‍♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻