शनिवार, 1 अक्टूबर 2022

"जम्मू कश्मीर" के महाराजा

आमेर के कछवाहा खंगारोत है "जम्मू कश्मीर" के महाराजा
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-- राजस्थान पत्रिका। लेखक-जितेन्द्र सिंह शेखावत, (खाचरियावास) 

कश्मीर में कछवाहा वंश के संस्थापक रामचंद्र खंगारोत ने कुलदेवी जमवाय माता के नाम पर जम्मू शहर बसाकर जमवाय माता का मंदिर बनाया। 
 
-- आमेर के कछवाहा वंश से निकली खंगारोत शाखा के रामचंद्र ने जम्मू कश्मीर में शासन कायम किया था। 565 रियासतों में जम्मू कश्मीर को सबसे बड़ी रियासत होने का सौभाग्य मिला।


कश्मीर के सुल्तान यूसुफ खान ने अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की थी। तब अकबर ने आमेर के कच्छावा नरेश भगवंतदास के नेतृत्व में सेना को कश्मीर भेजा था।


28 मार्च 1586 में भगवंतदास ने यूसुफ खान को गिरफ्तार कर अकबर के सामने पेश कर दिया, उस युद्ध में भगवान दास के साथ रामचंद्र खंगारोत भी गया था।


रामचंद्र ने वीरता का परिचय दिया तब रामचंद्र को कश्मीर का मनसबदार बना दिया गया। कश्मीर में कच्छावा वंश के संस्थापक रामचंद्र खंगारोत ने कुलदेवी जमवाय माता के नाम पर जम्मू शहर में जमवाय माता का मंदिर बनवाया। 


जम्मू के पश्चिम में भारत-पाक सीमा पर रामगढ़ गांव बसाया। रामचंद्र के पिता आमेर नरेश पृथ्वीराज के पुत्र थे । डोगरा प्रदेश होने से आमेर के कछवाहा वहां डोगरा कहलाए। 


रामचंद्र के बाद में संग्राम देव, हरिदेव ,पृथ्वी सिंह गजे सिंह, सूरत सिंह ,जोरावर सिंह, किशोर सिंह ,गुलाब सिंह महाराजा रहे। सिक्ख महाराजा रणजीत सिंह की गुलाब सिंह से मित्रता के कारण उनका एक भाई पंजाब का दीवान बना। 


गुलाब सिंह के बाद रणवीर सिंह, प्रताप सिंह ,हरि सिंह व वर्तमान महाराजा करण सिंह है। आजादी के बाद कर्णी सिंह को कश्मीर का सदरे रियासत बनाया गया। कश्मीर के महाराजाओं का जयपुर के राजाओं से संपर्क बना रहा। 


कश्मीर महाराजा हरि सिंह जोबनेर आए तब रावल नरेंद्र सिंह के साथ एक थाली में भोजन किया था। बोराज ठिकाने के रिकॉर्ड के मुताबिक राव खंगार का एक पोता गोपीनाथ जम्मू कश्मीर में गोद गया था। 


महाराजा गुलाब सिंह के पुत्र रणबीर सिंह ने कश्मीर के लिए दंड संहिता कानून बनाया। कश्मीर में उनकी दंड संहिता आज भी प्रचलन में है। अंतिम शासक हरि सिंह 1947 तक कश्मीर के महाराजा रहे। 


उन्होंने विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। हरि सिंह सवाई मानसिंह के राजतिलक में महाराजा सवाई माधव सिंह के निमंत्रण पर जयपुर आए थे। 

पर्यटन अधिकारी गुलाब सिंह मीठड़ी के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक जम्मूवाल, मनकोटिया, जसरोटिया, बनियाल, नारायणी आदि गोत्र के कछवाह कश्मीर के इलाकों में बसे हुए हैं।

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