सोमवार, 6 सितंबर 2021

सती माता रूप कंवर

(1987 दिवराला, सीकर - राजस्थान)

सत परवड़ा पगा पगा, पगा पगा है थान ।
पगा पगा मेला भरे, हर पग नेज निशान ।।
सतीयां वणी साख ने, अमर करें जग आण ।
भवानी भलो सत भवे, देवे ज्यौता भाण ।।


सती" जिसका नाम सुनते ही रूह काँप जाती है, बदन का रोयाँ-रोयाँ खड़ा हो जाता है, दिल में एक अलग तरह की सनसनी पैदा हो जाती है, हम यह सोच भी नहीं सकते है कुछ अरसे पहले ही 4 सितम्बर 1987 को रूप कँवर पत्नी माल सिंह शेखावत कि चिता पर जिन्दा बैठकर सती हुयी और मिथक/किवदन्ती है कि उस वक़्त चिता को ज्योत हाथो से नही दी गई थी, असमान से चुनरी उठी और ज्योत लग गयी देवराला, जिला सीकर सती हुए थी। अपने पति माल सिंह जी शेखावत (24) के निधन के बाद रूप कँवर (18) ने सती होने का सोचा और इनके पीछे कोई संतान नहीं थी।


इन्हे राजस्थान और भारत वर्ष कि आखिरी सती माना जाता है सती होने के बाद आपके परिवार पर तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी सरकार ने 39 व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा राजस्थान उच्च न्यायालय में दर्ज करवाया था। उस समय यह विश्व में चर्चित घटना थी। उसके बाद कहीं भी कोई महिला सती नहीं हुई है।

आजादी के बाद राजस्थान में कुल 29 सती हुयी है इनमे रूपकंवर आखिरी है, इस घटना ने काफी तुल पकड़ा था।


 39 राजपूतो पर केस लगे उसके बाद भारत के सविंधान में बदलाव किये गए। हजारो राजपूत जयपुर कि सड़को पर तलवारे लेकर उतरे पूरी दुनिया कि मीडिया ने इस पर काफी प्रोग्राम किये। बीबीसी जैसे प्रतिष्ठीत चैनल तो दीवराला गांवों में डेरा डाले हुए थे। मुक़दमा आज भी अदालत में चल रहा है जिसमे 11 लोग बरी कर दिए गए है, सती माँ का मंदिर दीवराला गांव में मौजूद है।

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🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻‍♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻