बुधवार, 30 मई 2018

क्षत्रियो की भाषा और संस्कार


बेशक पहन सकती है दुनियाँ…
राजपूतों के कपड़े ओर जेवर…
लेकिन कहाँ से लायेंगे राजपुती ?
और कहाँ से लायेंगे राजपुती तेवर ?

क्षत्रियो की भाषा और संस्कार का आपस में बहुत मेल है....इंसान के बोलने के तरीके से ही पता चल जाता हैं कि उसको कैसे संस्कार मिले हैं...उसको कैसी परवरिश दी गई है ....?

राजपुतो में सृष्टि आरम्भ से ही भाषा की शुद्घता देखी गई है....पधारो सा, जीमो सा....खम्मा घणी सा,जवाई सा,हुकम सा,आप विराजो सा, आप हुकम करो सा जैसे बहुत ही इज्जतदार और अदब के शब्दों को प्रयोग करते आए है....


इसी भाषा से हम दुसरी जातियों और लोगों से अपनी अलग पहचान बनाये हुए हैं....भाषा की ऐसी शुद्धि के कारण ही हमारे संस्कार और संस्कृति दुनियां में उच्च स्थान बनाये हुए हैं ....इसलिए दुनिया हमारे हर रीति -रिवाज और संस्कार सीखने के लिए लालायित रहती है...हमारा बोला गया हर एक लफ्ज अपने आप में इज्ज़त लिए होता है ...

म्हाने राठौडी बोली प्यारी लागे सा 😍या भले पधारो राठौडी रावलो में 🙏 जैसे शब्दो से वो आत्मसंतुष्टि मिलती है जो कही नहीं मिलती....

हमारी राजपुती भाषा में कभी भी औछे शब्द नहीं बोले जाते हैं न ही लिखे या सुने जाते हैं....राजपुतो में एक तुच्छ शब्द पर बडे-बड़े युद्ध हो जाते थे इसका मतलब ये है कि हम अपनी संस्कृति और संस्कार कभी नहीं छोड़ सकते हैं ....


ये मर्यादित सभ्यता-संस्कृति और बोली ही आज हमारी पहचान है कोई तू- तडाक से बात करता है तो लोग फटाक से बोल देते हैं कि राजपूत की संतान नहीं है ये....अदब से बोलना ही हमारी सभ्य और सुसंस्कृत संस्कार रहे है....

संस्कारो से भरी ये भाषा हम कही सीखते नहीं है ये तो हमें परिवार और समाज के वातावरण से विरासत में मिलती आई है जहाँ परिवार और समाज उच्चकुलीन हैं वहाँ भाषा और संस्कार भी बेजोड़ मिलते हैं....

संस्कार और सभ्य भाषा स्कूलों और कालेजों में नहीं सीखाई जा सकती है ये तो हमें अनुवांशिक मिलती है जैसा हम आसपास बोलते हैं वो ही हमारी आदत बन जाती हैं इसके कारण कभी -कभी हमें बडो़ के सामने शर्मिंदा भी होना पडता हैं ....यदि पारिवारिक माहौल और संगत अच्छी न हो...

मित्रो हमारे संस्कार हमारी वाणी और भाषा पर ही निर्भर करते हैं, आज विश्व में हम अपनी पहचान अपने पहनावे और बोलचाल पर ही कायम रखे हुए हैं।

इसलिए हमेशां संस्कारित भाषा का अनुसरण करे...मान -सम्मान के साथ -साथ समाज में बोली भी एक शाख है हमारी, इसे टुटने या गिरने नहीं दे...🙏
जय माँ #भवानी
जय जय #राजपूताना
🔥ठाकुर सचिन चौहान अग्निवंशी🔥
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻‍♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻