शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2017

अकबर की औछी हरकत

अकबर की महानता का गुणगान तो कई इतिहासकारों ने किया है लेकिन.....


अकबर की औछी हरकतों का वर्णन बहुत कम इतिहासकारों ने किया है ........!

अकबर अपने गंदे इरादों से प्रतिवर्ष दिल्ली में नौरोज का मेला आयोजित करवाता था......!

जिसमें पुरुषों का प्रवेश निषेध था ........!

अकबर इस मेले में महिला की वेष-भूषा में जाता था और जो महिला उसे मंत्र मुग्ध कर देती .....

उसे दासियाँ छल कपट से अकबर के सम्मुख ले जाती थी .........!

एक दिन नौरोज के मेले में #महाराणा_प्रताप_सिंह की भतीजी, छोटे भाई महाराज शक्तिसिंह की पुत्री, मेले की सजावट देखने के लिए आई .......

जिनका नाम बाईसा किरणदेवी था ........!

जिनका विवाह बीकानेर के पृथ्वीराज जी से हुआ।

बाईसा किरणदेवी की सुंदरता को देखकर अकबर अपने आप पर काबू नही रख पाया ......

और उसने बिना सोचे समझे दासियों के माध्यम से धोखे से जनाना महल में बुला लिया .......!

जैसे ही अकबर ने बाईसा किरणदेवी को स्पर्श करने की कोशिश की ........

किरणदेवी ने कमर से कटार निकाली और अकबर को नीचे पटकर छाती पर पैर रखकर कटार गर्दन पर लगा दी ........

और कहा नींच..... नराधम तुझे पता नहीं मैं उन #महाराणा_प्रताप की भतीजी हुं ........!

जिनके नाम से तुझे नींद नहीं आती है ......!

बोल तेरी आखिरी इच्छा क्या है .............?

अकबर का खुन सुख गया .........!

कभी सोचा नहीं होगा कि सम्राट अकबर आज एक राजपूत बाईसा के चरणों में होगा .........!

अकबर बोला मुझे पहचानने में भूल हो गई ......

मुझे माफ कर दो देवी .......!

तो किरण देवी ने कहा कि .........

आज के बाद दिल्ली में नौरोज का मेला नहीं लगेगा ..........!

और किसी भी नारी को परेशान नहीं करेगा......!

*अकबर ने हाथ जोड़कर कहा आज के बाद कभी मेला नहीं लगेगा ..........!

उस दिन के बाद कभी मेला नहीं लगा.........!

इस घटना का वर्णन गिरधर आसिया द्वारा रचित सगत रासो मे 632 पृष्ठ संख्या पर दिया गया है।

बीकानेर संग्रहालय में लगी एक पेटिंग मे भी इस घटना को एक दोहे के माध्यम से बताया गया है।

किरण  शिंहणी सी चढी...
उर पर खींच कटार..!
भीख मांगता प्राण की....
अकबर हाथ पसार...!!

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🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻‍♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻