हरियाणा का सबसे बड़ा गांव है राजपूतो का सीवन।
हरियाणा का सबसे बड़ा शुद्ध गांव भी राजपूतो का है सालवान।
हरियाणा के 11 जिलो के सबसे बड़े गांव भी राजपूतो के ही हैं।
भिवानी और महेन्द्रगढ़ दोनो जिलो के आबादी में टॉप 10 गांव सारे राजपूतो के हैं।
अंबाला, करनाल और गुड़गांव के टॉप 5 गांव सारे राजपूतो के हैं।
अगर पार्टीशन नही हुआ होता तो हरियाणा के हर जिले में टॉप 5 या 10 गांव और पूरे हरियाणा के टॉप 25 गांव सारे राजपूतो के होते।
विभाजन के कारण कई गांवो की डेमोग्राफी बदल गई और कई गांवो की आबादी आधी रह गई।
जैसे रोहतक में पहले एक गाना मशहूर था:-
मरी लाहली, सैम्पल उट्ठी, कलानौर का रे थाना,
छोटे गांव की के गिनती बड़े गांव कहनौर निघाना।
ये कहावत भी बहुत मशहूर थी:-
दिल्ली से पचास कोस कहनौर और निघाना।
अपनी कमाई आप खाते ना दे किसी को दाना॥
आज कहनौर और निघाना को कोई नही जानता।
ये ही हाल कभी मध्य हरियाणा के सबसे मशहूर गांव रहे कान्ही, बैंसी, मोठ लोहारी, नगथला, तलवंडी राणा, जमालपुर, हाजमपुर, बलियाली, भुन्ना आदि का है। कलानौर तो शहर है अब।
उत्तरी हरियाणा में भी असंध, सफीदों, जुंडला, हाबड़ी, जलमाना, पूंडरी, बालू, गुमथला जैसे बड़े गांव सब राजपूतो के थे।
राजस्व रिकार्ड्स के अनुसार हरियाणा के सबसे पुराने गांव राजपूतो के ही हैं।
तुर्क और मुगल शासकों द्वारा हरियाणा में किसान जातियों को बसाने से पहले हरियाणा में चरवाहा संस्कृति का प्रचलन था।
ज्यादातर क्षेत्र में जंगल हुआ करते थे। राजपूतो के बड़े बड़े राज्य हुआ करते थे जिनमे छावनियों की तरह बड़े बड़े किलेनुमा गांव हुआ करते थे जो जंगलों से घिरे होते थे।
तुर्क और मुगल शासन द्वारा राजपूतो के दमन का मुकाबला करने के लिये बड़े किलेनुमा गांवो का प्रचलन और बढ़ा। हरियाणा में बड़े गांव होने के पीछे का ये बड़ा कारण है।
हरियाणा के सभी पुराने बड़े शहर भी ज्यादातर राजपूतो के ही बसाए हुए हैं, जैसे अंबाला, करनाल, पानीपत, जींद, गोहाना, रोहतक, भिवानी, हांसी, फतेहाबाद, सिरसा, रेवाड़ी और पलवल आदि।
भिवानी, पलवल तो अब भी राजपूतो के शहर हैं। पुराने शहर में अब भी राजपूतो की बड़ी आबादी है। पानीपत, करनाल, फतेहाबाद और अंबाला शहरों में भी 47 तक राजपूतो के मोहल्ले थे।
बहुत से राजपूतो के गांव हैं जो अब कस्बे या शहर बन चुके हैं जैसे घरौंदा, कलायत, बब्याल, बरारा, मुलाना, बवानीखेड़ा, सोहना, हथीन, भिवानी और पलवल वगैरह। इनको गांवो की लिस्ट में शामिल नही किया हालांकि इनमे ज्यादातर में सबसे बड़ी आबादी अब भी राजपूतो की है।
★ गांवो की लिस्ट:- (आबादी 2011 सेन्सस के अनुसार)
सिवान (कैथल):- मडाड 23882 (हरियाणा का सबसे बड़ा ग्राम पंचायत है। हालांकि अब कस्बे का रूप ले चुका है। विभाजन के समय काफी राजपूत पाकिस्तान चले गए।)
बरारा (अंबाला):- चौहान 21,545 (अंबाला जिले का सबसे बड़ा गांव। हालांकि अब कस्बे का रूप ले चुका है। अम्बाला में सभी बड़े गांव राजपूतो के हैं।)
जटोली(हेली-मंडी)-(गुड़गांव):- चौहान 20906 (गुड़गांव का सबसे बड़ा गांव, हालांकि कसबे का रूप ले चुका है, लेकिन बहुमत आबादी राजपूतो की ही है।)
सलवान-(करनाल):- मडाड 18594 (हरियाणा का सबसे बड़ा शुद्ध गांव, लगभग 8 हजार राजपूत वोट।
किसी एक गांव में किसी एक जाती की इससे बड़ी आबादी और कही नही है। हरियाणा में सबसे ज्यादा रकबे वाला गांव। हरियाणा में सबसे ज्यादा संख्या में बड़े जमीदारों का गांव। हरियाणा में सबसे ज्यादा किसानों की संख्या वाला गांव। बावनी गांव की किवदंती को चरितार्थ करता अकेला गांव, गांव में सटीक 52 हजार बीघे का रकबा)
बोहडा कलां-(गुड़गांव):- चौहान 18961 (गुड़गांव का दूसरा बड़ा गांव।)
राजौंद-(कैथल):-मडाड 17434
भौंडसी-(गुड़गांव):- राघव 17410
गोंदर-(करनाल):- चौहान 14,542
बापोड़ा-(भिवानी):- तंवर 14332 (भिवानी और दक्षिण हरियाणा का सबसे बड़ा गांव, जनरल वीके सिंह का गांव, हरियाणा में सबसे ज्यादा फौजी देने वाला गांव। इस गांव की बड़ी आबादी अब पलायन कर के शहरों में रहती है नही तो ये हरियाणा का सबसे बड़ा गांव हो सकता था। गुडाड का गिदोड़ा आया बापोड़ा, मशहूर कहावत है इस गांव के लिये।)
बौंद कलां-(दादरी):- परमार 14309 (नए बने दादरी जिले का सबसे बड़ा गांव।)
छांयसा-(फरीदाबाद):- बरगला भाटी 14212 (फरीदाबाद का सबसे बड़ा शुद्ध गांव। फरीदाबाद से सबसे ज्यादा फौजी इसी गाँव से हैं।)
मुआना -(जींद):- मडाड 14205 (जींद जिले का सबसे बड़ा गांव।)
कलिंगा-(भिवानी):- परमार 13916
चांग-(भिवानी):- परमार 12979
खरक कलां-(भिवानी):- परमार 12605
देवसर- (भिवानी):- तंवर 12488
दिनोद-(भिवानी):- तंवर 11792
बात्ता-(कैथल):- मडाड 11,755
मुनक- (करनाल):- मडाड 11,507
डडलाना- (पानीपत):- मडाड 11413 (पानीपत जिले में अब राजपूतो का अकेला गांव लेकिन जिले के टॉप 3 गांव में शामिल।)
फरल-(कैथल):- तंवर 11,030
तिगड़ाना-(भिवानी):- तंवर 10712
सतनाली-(महेंद्रगढ़):- शेखावत 10,013 (महेन्द्रगढ़ जिले का सबसे बड़ा गांव। महेन्द्रगढ़ जिले में आबादी के हिसाब से सभी टॉप 10 गांव राजपूतो के ही हैं।)
कैरु -(भिवानी):- तंवर 9894
राहड़ा-(करनाल):- मडाड 9628
धनौदा- (महेंद्रगढ़):- तंवर 8692
बरवाला-(पंचकूला):- तावनी 8308 (पंचकूला जिले का सबसे बड़ा गांव। इस जिले में भी ज्यादातर बड़े गांव राजपूतो के ही हैं।)
कासन-(गुड़गांव):- चौहान 8628
उझिना- (मेवात):- छौंकर 8500 (मेवात में हिन्दुओ का सबसे बड़ा गांव।)
जखौली- (सोनीपत):- चौहान 7800 ( सोनीपत जिले में राजपूतो के कुछ ही गांव हैं, उनमे भी जखौली जिले के टॉप 5 में शामिल है।)
गढी हरसरू- गुड़गांव:- चौहान 7894 (ढूंढोति के चौहानो की 60 गांव की रियासत की राजधानी।)
बिहटा-(अम्बाला):- चौहान 7865 (अंबाला जिले का दूसरा बड़ा गांव।)
उगाला- (अंबाला):- चौहान 7305 (अंबाला का तीसरा बड़ा गांव।)
★ राजपूतो के वो गांव जो अब नगर निकाय बन चुके हैं:-
बब्याल- (अंबाला):- तावनी 26,412 (राजपूतो का गांव है लेकिन अब अंबाला शहर में लगता है।)
घरौंदा- (करनाल):- मडाड 37816 (राजपूतो का गांव है लेकिन अब शहर बन चुका है।)
कलायत- (कैथल):- मडाड 18660 (राजपूतो का शुद्ध गांव है। मडाड राजपूतो का चबूतरा है। लेकिन अब नगर पालिका कहलाता है।)
बवानीखेड़ा- (भिवानी):- तंवर 20289 (राजपूतो का गांव है लेकिन अब नगर पालिका में आता है।)
सोहना- (गुड़गांव):- राघव 53962 (राजपूतो का गांव है, लेकिन अब शहर बन चुका है।)
हथीन- (पलवल):- छोंकर 14421 (राजपूतो का गांव है, लेकिन अब नगर पालिका बन चुका है। पलवल में हिन्दुओ का सबसे बड़ा गांव है।)
बोह- (अंबाला):- तावनी 8482 (राजपूतो का गांव है लेकिन शहर से लगा हुआ है।)
★ राजपूतो के गांव जो अब बड़े शहर बन चुके लेकिन अब भी राजपूतो की बड़ी आबादी:-
भिवानी:- तंवर 2 लाख आबादी (शहर में 16 पाने राजपूतो के हैं, राजपूतो की 30 हजार से ऊपर आबादी है।)
पलवल:- खंगारोत 2,3500 आबादी (शहर में 9 पट्टी राजपूतो की हैं, 18 हजार से ऊपर वोट हैं, नगर परिषद में 5 राजपूत पार्षद हैं।)
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🙏🏻 जय 🔱 भवानी। 🙏🏻
👑जय 💪🏻राजपूताना। 🔫
👑जय 💪🏻महाराणा प्रताप।🚩
🙋🏻♂️जय 👑सम्राट💪🏻पृथ्वीराज🎯चौहान।💣
👉🏻▄︻̷̿┻̿═━,’,’• Ⓡ︎ⓐⓝⓐ Ⓖ︎ 👈🏻