रविवार, 21 मई 2017

📶【भूलकर भी स्त्रियों को नहीं करना चाहिए ये 4 काम】📶

हमारे समाज में स्त्रियों, लड़कियों का बहुत ही ऊंचा दर्जा है। उन्हें घर की लक्ष्मी माना जाता है। जिनके बिना घर मंदिर के बजाय और ही कुछ बन जाता है। एक स्त्री किसी भी रुप में हो सकती है। फिर चाहे वो मां, बहन, पत्नी या दोस्त ही क्यों न हो। इस कारण इनकी रक्षा, मान-सम्मान करना हमारा फर्ज है। स्त्रियों को लेकर गरुड़ पुराण में कई ऐसी चीजें बताई गई है। जो कि हमारे जीवन में बहुत ही ज्यादा प्रभाव डालती है।  
गरुण पुराण हिंदू धर्म का एक ग्रंथ है। इसे वेदव्यास ने रचा था। उस पुराण में 279 अध्याय और 18000 श्लोक है। जिसमें मृत्यु के बाद की घटनाएं, प्रेत लोक, यम लोक, नरक तथा 84 लाख योनियों के नरक स्वरुपी जीवन आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है।
गरुड़ पुराण में ये बताया गया है कि स्त्रियों को किस बात का ध्यान रखना चाहिए। जिससे कि उनका मान-सम्मान हमेशा बने रहे। जानिए इन बातों के बारें में।

अपनों का न करें अपमान :-
कभी भी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। नहीं तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही कभी भी अपने लोगों की बुराई करके पराए लोगों की हमदर्दी लेने की कोशिश न करें। पराए लोग आपके खुशहाल जीवन में समस्याएं ला सकते है।   

किसी पराएं के घर न जाएं :-
कभी बी ऐसे घर में मत जाएं। जिसके घर के लोगों के बारें में आप न जानती है। न ही किसी पराएं के घर में रुकना चाहिए। इससे आपको किसी बड़ी आपदा का बी सामना करना पड़ सकता है। पराए घर में रहने वाली स्त्री को घर-परिवार और समाज में भी गलत नजर से देखा जाता है। इससे आपके चरित्र से संबंधित सवाल हो सकते है।

ज्यादा समय तक न रहे अपने पति से दूर :-
इस पुराण में बताया गया है कि अगर आपकी शादी हो चुकी है, तो कोशिश करें कि अपने पति से द्यादा समय के लिए दूर न रहें। पार्टनर से विरह स्त्री को मानसिक रूप से कमजोर कर सकता है। पति से दूर रहने वाली महिला को समाज में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही समाज की नजरों, मान-सम्मान में बी उंगली उठने लगती है।           
 

                                                 
बुरे चरित्र वालों के साथ संगत :-
कहा जाता है कि अगर आप बुरे लोगों के साथ रहेगे, तो समाज में उन्हीं में से आपकी गिनती की जाएगा। गलत आचरण के लोगों की संगत से कभी भी संकट की स्थिति निर्मित हो सकती है। जिस व्यक्ति की सोच गलत हो, वो कभी भी किसी के बारें में अच्छा नहीं सोच सकता है। अगर आप ऐसे लोगों के साथ है, तो आपको असुरक्षा, अपमान आदि का सामना करना पड़ सकता है।

शनिवार, 13 मई 2017

🌞☀【सूर्य देव को जल चढ़ाते इन बातो का रखे ध्यान】☀🌞

हिन्दू धर्म में सूर्यनारायण को जल चढ़ाने का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार सुबह के समय सूर्य को अर्घ्य देते कुछ ऐसी बातें हैं जिनका खास ध्यान रखना होता है। 

हमारे शास्‍त्रों में पूजा-पाठ की सारी विधियां लिखी हुई हैं, मगर हम उन्‍हें नज़र अंदाज कर देते हैं। सूर्य को जल चढ़ाने से जहां मन को शांति का अनुभव होता है वहीं पर शरीर के रोग नष्ट होते है, और जिंदगी में खुशहाली आती है।

शास्त्रों के अनुसार सुबह के समय सूर्य को अर्घ्य देते कुछ ऐसी बातें हैं जिनका खास ध्यान रखना होता है। क्योंकि अगर सूर्य को अर्घ्य देते हुए ये गलतियां हो जाती हैं तो भगवान प्रसन्न होने के बजाय क्रोधित हो जाते हैं।


सूर्य देव को हमेशा नहाने के बाद ही जल चढ़ाना चाहिये। आप उन्‍हें 8 बजे के अंदर ही जल चढाएं।

साथ ही यह कार्य ब्रह्म मुहूर्त की कर लेना चाहिये।जल चढ़ाने के लिये चांदी, शीशे या स्‍टील के लोटे या गिलास का प्रयोग नहीं करना चाहिये। सूर्यदेव को तांबे के पात्र से ही जल दें।

जल सदैव सिर के ऊपर से अर्पित करें। इससे सूर्य की किरणें व्यक्ति के शरीर पर पड़ती है। जिससे सूर्य के साथ नवग्रह भी मजबूत बनते हैं।

जल चढ़ाते वक्‍त सूर्य को सीधे ना देंख कर बल्‍कि लोटे से जो जल बह रहा हो, उसकी धार में ही सूर्य के दर्शन करें। पूर्व दिशा की ओर ही मुख करके ही जल देना चाहिए। यदि किसी दिन ऐसा हो कि सूर्य देव नजर ना आ रहे हों तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल दे दें।

मंगलवार, 9 मई 2017

🔯【मंगल और शनिवार को बदलिए कलावा, जानें इसे बांधने के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण】🔯

अस्‍था का प्रतीक :-

कलावा बांधना वैदिक परंपरा का एक अहम हिस्‍सा है। यह कलाई में बांधा जाता हैं। धार्मिक अस्‍था का प्रतीक कलावा यज्ञ की शुरुआत में बांधा जाता है। इसके अलावा मांगलिक कार्यक्रमों में भी इसे बांधना अनिवार्य माना जाता है।  

रक्षा कवच है कलावा :- 

हिंदू शास्‍त्रों के मुताबिक कलावा बांधने से देवताओं की विशेष कृपा मिलती हैं। कलावा किसी भी देवी देवता के नाम का बांधा जा सकता है। यह हमेशा संकटों और विपत्तियों के समय रक्षा कवच बनता है। वहीं कलावा मंगलवार और शनिवार के दिन बदला जाता है। 

 

 

3 बार ही लपेटें :-

मान्‍यता है कि कलावा केवल 3 बार ही लपेटना चाहिए। पुरुषों को व अविवाहित कन्याओं को हमेशा दाएं हाथ में कलावा बांधना चाहिए। इसके अलावा विवाहित स्त्रियों को बाएं हाथ में बांधना चाहिए। वहीं ध्‍यान रखें कलावा बांधते समय मुट्ठी बंधी हो और दूसरा हाथ सिर पर होना चाहिए। 

यह मंत्र जरूर पढ़ें :- 

कलावा किसी पुरोहित से बांधना शुभ होता है क्‍योंकि यह मंत्रों से बांधे जाने पर ज्‍यादा असर करता है। हालांकि आज बड़ी संख्‍या में ऐसे लोग हैं जो अपने हाथ से घर पर भी कलावा बांध लेते हैं। ऐसे में उन्‍हें कलावा बांधते समय यह मंत्र जरूर पढ़ना चाहिए। 

‘येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।

तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।’

 

 

दो तरह का कलावा :-  

कलावा 3 धागों वाला और 5 धागों वाला भी होता है। जिसमें 3 धागों वाले में लाल, पीला और हरा होता है। इसे त्रिदेव का कलावा कहते हैं। वहीं 5 धागों वाले कलावे में लाल, पीला हरा, नीला और सफेद रंग का धागा होता है। जिसे पंचदेव कलावा कहते हैं। 

वैज्ञानिक कारण भी :-

कलावा बांधने से वात, पित्त और कफ का संतुलन बना रहता है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्टअटैक और लकवा जैसे रोगों से बचाने में मददगार है। इससे नसों में दबाव पड़ता है। पुराने वैद्य इसीलिए हाथ, कमर, गले व पैर के अंगूठे में बंधवाते थे। 

 

 

सकारात्‍मक ऊर्जा :- 

कलावा बांधने से व्‍यक्‍ति को हर पल शक्‍तिशाली होने का अहसास होता है। उसे अपने अंदर से सकारात्‍मक ऊर्जा मिलती रहती है। इतना ही नहीं उसका मन शांत रहता है और भटकाव नहीं होता है। जिससे वह एक सही दिशा में चलता रहता है। 

गुरुवार, 4 मई 2017

👹☠【दुश्मन बिना बात परेशान कर रहा है, तो इस पारंपरिक उपाय को आजमाएं】☠👹


कई बार कोई आपको बिना बात के परेशान करता रहता है :-

किसी को आपकी हंसी और खुशी नहीं भाती। ऐसे लोग आपके जीवन में अड़ंगा लगाते रहते हैं। ऐसे लोगों के लिए यह पारंपरिक उपाय बरसों से गांव में प्रचलित है। आप भी आजमा कर देख लें....
साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदम नहीं उठाएगा।

अकारण परेशान करने वाले व्यक्ति से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए :-

यदि कोई व्यक्ति बगैर किसी कारण के परेशान कर रहा हो, तो शौच क्रिया काल में शौचालय में बैठे-बैठे वहीं के पानी से उस व्यक्ति का नाम लिखें और बाहर निकलने से पूर्व जहां पानी से नाम लिखा था, उस स्थान पर आप बाएं पैर से तीन बार ठोकर मारें। ध्यान रहे, यह प्रयोग स्वार्थवश न करें, अन्यथा हानि हो सकती है।

★【राशि के अनुसार जानें कौन सा रंग रहेगा लकी।】★

राशियां भविष्य के बारे में पूर्वानुमान बताती हैं। इनकी संख्या 12 होती है। लेकिन हर राशि के जातक को किसी विशेष रंग का तालमेल अपनी जिंदगी में जरूर रखना चाहिए। ऐसा करने पर भविष्य में सफलताएं आपके साथ होंगी। परेशानियां दूर रहेंगी।

ठाकुर सचिन चौहान अग्निवंशी

मेष :-
इस राशि के जातक मंगल ग्रह के प्रभाव में रहते हैं। इसलिए इनके लिए लाल रंग बेहद शुभ होता है। यदि यह जातक गुलाबी रंग भी उपयोग करते हैं तो यह उन्हें शांत रखेगा।

वृषभ :-
इस राशि के जातक शुक्र ग्रह से संबंधित होते हैं। इसलिए इन्हें नीला, फिरोजी, हरे और क्रीम कलर के वस्तुएं और वस्त्रों का उपयोग करना चाहिए। यह इनके लिए हमेशा शुभ होते हैं।

मिथुन :-
बुध ग्रह के प्रभाव में रहने वाले इस राशि के जातक के लिए सफेद, क्रीम, हल्का रंग शुभ होता है।
कर्क: चंद्रमा के प्रभाव में रहने वाले कर्क राशि के जातकों के लिये पीला, सफेद, क्रीम और हल्का गुलाबी रंग शुभ होता है।

तुला :-
नारंगी और पीला रंग तुला राशि के जातकों को विशेष शुभ होते हैं। इनके अलावा हल्के गुलाबी रंग का उपयोग इन्हें शांत रखता है।

कन्या :-
ऐसे जातक जिनकी राशि कन्या है यदि वह बुधवार को हरे रंग के वस्त्र पहनें तो शुभ होता है। इसके अलावा इस राशि के जातकों के लिए शुभ रंग स्वर्ग पीला, हरा और गुलाबी शुभ होता है।

तुला :-
इस राशि के जातक रोमांटिक और स्टाइलिश पर्सनेलिटी के होते हैं। इसलिए अमूमन काले, नीले और हरे रंग इनके लिए विशेष शुभ होते हैं।

वृश्चिक :-
इस राशि के जातक यदि लाल, भूरा, काल और ग्रे कलर उपयोग में लाएं तो उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है।

धनु :-
बैंगनी और सफेद रंग इस राशि के जातकों के लिए बेहतर माने जाते हैं। यह रंग इस राशि के जातकों को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाते हैं।

मकर :-
काला और नीला रंग इस राशि के जातकों के लिए शुभ होता है। इसके अलावा भूरे रंग का भी उपयोग कर सकते हैं।

कुंभ :- 
यह राशि शुक्र ग्रह के अंतर्गत आती है। इस राशि के जातक यदि बैंगनी और लाल रंग का उपयोग करें तो उन्हें विशेष सफलता मिलती है।

मीन :-
बृहस्पति इस घर का शासक है। इस साल पीले रंग से बचने और हल्के नीले, नीले आकाश और फ़िरोज़ा पहनने की सलाह दी जाती है।